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संग्रहण केंद्र में ग्रामीण की हत्या मामले में कार्यवाही सुस्त या दबाव ?

सूरजपुर न्यूज डेस्क।सूरजपुर के देवनगर धान संग्रहण केंद्र में ग्रामीण की पीट पीट कर हत्या का मामला अब तुल पकड़ता जा रहा है,, जहां एक ओर पुलिस 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाआ रही है वहीं मृतक के परिजन पुलिस विवेचना पर सवाल खड़े कर रहे हैं,, साथ ही इस पूरे मामले में कांग्रेस और भाजपा भी आमने सामने दिख रहे हैं,,

क्या है पूरा मामला

साल के पहले दिन जहां पूरा भारत जश्न में डूबा हुआ था, वही धान संग्रहण केंद्र के कर्मचारियों ने एक परिवार को गम में डुबो दिया,, आरोप है कि कोतवाली थाना क्षेत्र के देवनगर निवासी विजय प्रताप को लगभग 10 बजे अज्ञात व्यक्ति ने रात में फोन करके धान खरीदी केंद्र बुलाया गया और वहां के तीन कर्मचारी बाबू लोहार, सत्यनारायण स्ते,अजय प्रजापति के द्वारा विजय प्रताप को बेरहमी से पीटा गया,, सुबह जब ग्रामीणों ने विजय प्रताप को गंभीर अवस्था में देखा तो इसकी जानकारी मृतक के परिजनों को दी गई जिसके बाद उसे जिला अस्पताल सूरजपुर ले जाया गया जहां उसकी हालत देखकर उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया जहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान विजय प्रताप की मौत हो गई,, जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया,,

पुलिस के कार्यवाही पर परिजन असंतुष्ट

वही इस पूरे मामले में पुलिस की कार्यवाही को लेकर मृतक के परिजनों ने सवाल खड़े किए हैं,, उनका आरोप है कि जिला वितरण अधिकारी के सामने धान खरीदी केंद्र के कर्मचारी लगातार उनकी पिटाई कर रहे थे लेकिन विपणन अधिकारी ने ना तो उन आरोपियों को रोका और ना ही इसकी जानकारी थाने में दी,, चुकी सभी आरोपी धान खरीदी केंद्र के कर्मचारी थे जो कि जिला वितरण अधिकारी के अधीन काम करते हैं बावजूद इसके विपणन अधिकारी के द्वारा किसी प्रकार का रोक-टोक ना करना उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहा है,, साथ ही मृतक के परिजनों का आरोप है कि इस पूरे मामले में प्रेम नगर के विधायक भूलन सिंह मरावी का संरक्षण जिला वितरण अधिकारी को प्राप्त है यही वजह है कि जिला विपणन अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई सिर्फ नाम मात्र की पूछताछ तक की गई है,,

घटना के बाद भाजपा कांग्रेस आमने सामने राजनीति शुरू

वही इस पूरे मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है जहां एक और कांग्रेस ने टीम गठित कर मृतक के परिजनों से मुलाकात की और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ी किया साथ ही भाजपा को भी इस पूरे मामले पर घेरा,, जबकि भाजपा विधायक ने इस पूरे मामले पर कानून के तहत कार्यवाही करने का आश्वासन दिया और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही,,

क्या कहते है विपणन अधिकारी

इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा सवाल विपणन अधिकारी पर उठ रहे हैं जिसको लेकर उन्होंने भी अपना पक्ष रखा है और यह माना है कि उनके सामने मारपीट की जगह धक्का मुक्की हुई है और उन्होंने उन्हें रोकने का प्रयास भी किया था,, लेकिन विपणन अधिकारी के बयान में झोलझाल दिख रहा है,, क्योंकि यदि उनके सामने उनके कर्मचारियों के द्वारा ही किसी ग्रामीण की बेरहमी से पिटाई की जा रही हो और अधिकारी द्वारा रोकने पर कर्मचारी ना माने यह तो समझ के परे है,,

सीसीटीवी फुटेज ने कई सवालों को दिया जन्म

निश्चित ही इस पूरे मामले में जिला वितरण अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है बावजूद इसके उन पर कोई कार्यवाही ना होना संदेह को बढ़ाता है,, सूत्रों की माने तो बताया यह भी जा रहा है कि जिला वितरण अधिकारी का भाजपा में गहरी पकड़ है उनके घर के लोग राजनीति पद पर रह चुके है,, शायद यही वजह है कि पुलिस उन पर कोई बड़ी कार्यवाही की जहमत नहीं उठाना चाह रही है,, लेकिन सवाल यह है कि यदि पुलिस निष्पक्षता से जांच नहीं करेगी तो मृतक और उसके परिजनों को न्याय कैसे मिलेगा ??

सीसीटीवी फुटेज आने के बाद कार्यवाही में देरी क्यों…?

मृतक को किसने फोन कर बुलाया संग्रहण केंद्र…?

आखिर किसने कहा मृतक को पीट कर फेक दो यही ???

आखिर विपणन अधिकारी रात 11बजे संग्रहण केंद्र में क्या कर रहे थे…?

क्या पुलिस के कार्यवाही में कोई कर रहा बाधा…?

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