छत्तीसगढ़राजनीती

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का बालोद दौरा: प्रशासनिक महकमे में हड़कंप एक्शन में दिखी मंत्री

जांच कर सभी पर कार्यवाही करने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
रायपुर डेस्क– महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने मंगलवार को बालोद जिले का औचक निरीक्षण किया, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। यह दौरा एक खास उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें मंत्री ने सरकारी योजनाओं और सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया। पहली संभावित रोकने वाली कड़ी के तौर पर मंत्री ने झलमला स्थित मां गंगा मैया मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन किए और राज्य के कल्याण के लिए प्रार्थना की जिसके बाद मंत्री ने बालोद सखी वन स्टॉप सेंटर, घरौंदा, वृद्धाश्रम और नशा मुक्ति केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। इन केंद्रों के संचालन और उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता पर उनकी नजर थी। उन्होंने देखा कि वहां उपस्थित कर्मचारी क्या कार्य कर रहे हैं और क्या सेवाएँ उचित तरीके से लोगों तक पहुँच रही हैं। इस दौरे पर समाज कल्याण विभाग की सचिव, महिला बाल विकास विभाग की सचिव, संचालक और जिले के आलाधिकारी भी मंत्री के साथ थे, जिससे यह साबित होता है कि यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक संपूर्ण जांच का भाग था।

लापरवाही पर सख्त ऐक्शन

आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते समय मंत्री राजवाड़े ने वहां उपस्थित कर्मचारियों से उनकी कार्यप्रणाली के बारे में सवाल किए। कुछ कर्मचारियों की लापरवाही देखकर वे भड़क गईं और उन्होंने उन पर सख्त फटकार लगाई। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस दिशा में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दौरे के दौरान, लक्ष्मी राजवाड़े ने जांच के आदेश दिए कि किस प्रकार से लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उनका यह कदम इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रति कितनी गंभीर है।


रायपुर डेस्क– महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने मंगलवार को बालोद जिले का औचक निरीक्षण किया, जिससे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। यह दौरा एक खास उद्देश्य से आयोजित किया गया था, जिसमें मंत्री ने सरकारी योजनाओं और सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया। पहली संभावित रोकने वाली कड़ी के तौर पर मंत्री ने झलमला स्थित मां गंगा मैया मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन किए और राज्य के कल्याण के लिए प्रार्थना की जिसके बाद मंत्री ने बालोद सखी वन स्टॉप सेंटर, घरौंदा, वृद्धाश्रम और नशा मुक्ति केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। इन केंद्रों के संचालन और उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता पर उनकी नजर थी। उन्होंने देखा कि वहां उपस्थित कर्मचारी क्या कार्य कर रहे हैं और क्या सेवाएँ उचित तरीके से लोगों तक पहुँच रही हैं। इस दौरे पर समाज कल्याण विभाग की सचिव, महिला बाल विकास विभाग की सचिव, संचालक और जिले के आलाधिकारी भी मंत्री के साथ थे, जिससे यह साबित होता है कि यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक संपूर्ण जांच का भाग था।

लापरवाही पर सख्त ऐक्शन

आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करते समय मंत्री राजवाड़े ने वहां उपस्थित कर्मचारियों से उनकी कार्यप्रणाली के बारे में सवाल किए। कुछ कर्मचारियों की लापरवाही देखकर वे भड़क गईं और उन्होंने उन पर सख्त फटकार लगाई। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही ढंग से लोगों तक पहुँचाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस दिशा में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दौरे के दौरान, लक्ष्मी राजवाड़े ने जांच के आदेश दिए कि किस प्रकार से लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उनका यह कदम इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रति कितनी गंभीर है।

सकारात्मक बदलाव की उम्मीद

मंत्री के इस निरीक्षण से यह स्पष्ट हो गया कि बालोद जिले में महिला और बच्चों के कल्याण के प्रति एक नई जागरूकता पैदा हुई है। स्थानीय नागरिकों ने भी इस कदम का स्वागत किया है और उनके चेहरों पर उम्मीद की झलक दिखाई दे रही है। बालोद जिले की महिला और बच्चों के कल्याण के लिए यह दौरा एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन सकता है।राज्य सरकार की नीतियों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मंत्रि का इस प्रकार का औचक निरीक्षण अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल अधिकारियों को जवाबदेह बनाता है, बल्कि आम जनता के कल्याण का भी सुनिश्चित करता है। मंत्री राजवाड़े के इस प्रयास से यह स्पष्ट है कि लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए सख्ती से खड़ी हैं, और बालोद में सुधार के लिए एक ठोस कदम उठा रही हैं।इस दौरे ने यह दिखाया है कि सरकार जनता के कल्याण के प्रति कितनी गंभीर है और यह समय की आवश्यकता है कि सभी सरकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएं ताकि समाज में एक वास्तविक बदलाव आ सके।

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