चुनावी समर में रिश्तों की मर्यादा: वोट मांगने कांग्रेस प्रत्याशी के घर पहुंचीं चिंटू की मां
सीतापुर। चुनावी माहौल में जहां आमतौर पर विरोध और टकराव देखने को मिलता है, वहीं सीतापुर के वार्ड नंबर 15 में एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। यहां निर्दलीय प्रत्याशी शैलेंद्र गुप्ता उर्फ़ चिंटू की मां शकुंतला गुप्ता ने राजनीति और पारिवारिक संबंधों के बीच सामंजस्य का एक अनूठा उदाहरण पेश किया।अपने बेटे के समर्थन में प्रचार करने निकलीं शकुंतला गुप्ता जब कांग्रेस प्रत्याशी शंकर गुप्ता के मोहल्ले में पहुंचीं, तो वह सीधे उनके घर भी गईं। वहां उन्होंने शंकर की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की, उनका हालचाल पूछा और रिश्तों की गरिमा को बनाए रखा।हालांकि, जब शंकर के परिजनों ने चिंटू के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े होने पर सवाल उठाए, तो शकुंतला देवी ने बड़ी विनम्रता से लोकतंत्र का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि रिश्तों की गरिमा खत्म हो जाए। राजनीति अपनी जगह है, और रिश्ते अपनी जगह।”शकुंतला देवी ने शंकर के परिवार से बेटे चिंटू के लिए समर्थन मांगा, लेकिन साथ ही चुनावी प्रतिस्पर्धा से ऊपर उठकर उन्हें शुभकामनाएं भी दीं। उनके इस शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार ने चुनावी माहौल में एक सकारात्मक संदेश दिया, जो अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।राजनीति के इस शालीन पहलू को देखकर लोग कह रहे हैं कि अगर हर प्रत्याशी और उनके समर्थक इसी गरिमा के साथ चुनाव लड़ें, तो लोकतंत्र और भी मजबूत हो सकता है।